ब्यूरो रिपोर्ट सतीश कुमार रजक

जिस कलेक्टर को विधायक के कहने पर शिवराज ने हटाया

पीएम मोदी ने की उसी कलेक्टर के कामों की तारीफ

भोपाल। रेत के कामों के लिए विवादित रहे छतरपुर के चंदला क्षेत्र के भाजपा विधायक राजेश प्रजापति के कहने पर लगभग एक माह पहले छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने छतरपुर से हटाकर बल्लभ भवन में अटैच कर दिया था। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छतरपुर में कलेक्टर रहते हुए शीलेन्द्र सिंह के द्वारा चलाए गए एक अनूठे अभियान की तारीफ देश भर में की है। उन्होंने शनिवार को देश के आकांक्षी जिलों के कलेक्टरों एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफे्रंंसिंग में चर्चा करते हुए गर्भवती महिलाओं के पंजीयन को लेकर छतरपुर जिले में पूर्व कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा चलाए पूर्णा अभियान की जमकर तारीफ की और अन्य कलेक्टरों को इस काम से प्रेरणा लेने की नसीहत दी। प्रधानमंत्री द्वारा की गई तारीफ के बाद खजुराहो के सांसद और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के द्वारा भी पूर्व कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है। अब राजनैतिक और प्रशासनिक महकमे में यह सवाल उठ रहा है कि जब आईएएस शीलेन्द्र सिंह छतरपुर में कलेक्टर रहते हुए इतने शानदार नवाचार कर रहे थे तो आखिर क्यों भाजपा के एक विधायक के कहने पर सरकार ने उन्हें हटा दिया। प्रधानमंत्री द्वारा की गई तारीफ छतरपुर से लेकर भोपाल तक चर्चा का विषय बनी हुई है।  
पीएम ने की इस अभियान की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को छतरपुर जिले में चलाए गए जिस पूर्णा अभियान की तारीफ की है। इस अभियान को लगभग डेढ़ साल पहले छतरपुर कलेक्टर रहे शीलेन्द्र सिंह ने शुरू किया था। यह शासन की योजना नहीं थी बल्कि स्वयं कलेक्टर ने इसे एक अभियान के तौर पर जिले में महिला एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रारंभ किया था। अभियान के तहत आंगनबाडिय़ों के माध्यम से प्रत्येक गर्भवती महिला को पंजीकृत किया गया। इसके बाद उन गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन की गोलियां  दी जाती थीं एवं रक्त चढ़ाया जाता था जिनमें खून की अत्यधिक कमी होती थी। गर्भवती होने से लेकर सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराने तक महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा महिलाओं पर निगरानी रखी जाती थी। इस अभियान के अंतर्गत जिले की लगभग 25000 महिलाओं को ट्रेक किया गया और उन्हें सुविधाएं दी गईं। इस अभियान के कारण जिले में मातृ-मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में काफी गिरावट आयी। पहली तिमाही में ही इस योजना के तहत 37 फीसदी पंजीकृत महिलाओं का आंकड़ा 97 फीसदी किया गया जिसके कारण महिलाओं को बड़ी राहत मिली। यह अपनी तरह का एक जीवन रक्षक अभियान था जिसकी तारीफ प्रधानमंत्री ने की है।

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