मानसून की आहट के साथ ही सागर प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर सतर्कता दिखानी शुरू कर दी है। आगामी बारिश में किसी भी प्रकार की जनहानि से बचने के लिए कलेक्टर श्री संदीप जी.आर. ने जिलेभर में जर्जर भवनों की पहचान का अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जर्जर भवन के कारण कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए संबंधित मकान मालिक जिम्मेदार होगा।
कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि तीन दिनों के भीतर नगर निगम, सभी नगरीय निकायों, एसडीएम एवं तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्रों में पुराने, टूट-फूट वाले और खतरनाक भवनों की सूची बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। चिन्हित मकानों पर लाल रंग से क्रॉस का चिन्ह लगाया जाएगा और मकान मालिक का नाम भी स्पष्ट रूप से अंकित किया जाएगा।
कलेक्टर संदीप जी.आर. ने कहा, "हमारा लक्ष्य केवल कार्रवाई नहीं बल्कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा है। अगर मकान मालिक स्वयं तीन दिनों में भवन को सुधारते नहीं हैं या ध्वस्त नहीं करते हैं, तो प्रशासन संबंधित भवन को गिराने की कार्यवाही करेगा और उसकी लागत भी मकान मालिक से वसूल की जाएगी।"
इस कदम से सागर जिले में मानसून के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद है। साथ ही, यह निर्णय नगरीय प्रशासन की सतर्कता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जनहित में सख्ती जरूरी:
यह निर्णय जनहित में लिया गया एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदाराना कदम है। जर्जर भवन न केवल भवन स्वामी बल्कि आसपास के रहवासियों के लिए भी खतरा बन सकते हैं। प्रशासन की यह सख्ती ज़िम्मेदार नागरिक व्यवहार को बढ़ावा देगी।
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