गौरेला पेंड्रा मरवाही(14फरवरी2022)। फर्जी तरीके से पैसा निकाल कर शासन को चूना लगाने वाले सचिव पर सीईओ मेहरबान है। जनपद के अधिकारियों के नाम पर भर रहे दंम्भ भ्रष्टाचारी सचिव प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विकास के कितने भी बड़े बड़े दावे करें पर जमीनी हकीकत देखें तो खुली पोल नजर आती है। ताजातरीन मामला नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के जनपद पंचायत मरवाही के अंतर्गत ग्राम पंचायत करसीवा का है। जहां पर भ्रष्टाचार दिनोंदिन फल फूल रहा है, जिसके कारण भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। आम जनता को धोखे में रखकर, विकास के नाम पर लगातार आश्वासन देकर अधिकारी के नाक के नीचे बेखौफ होकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। दरअसल मरवाही जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत करसीवा के सचिव प्रीति उदय द्वारा ग्राम पंचायत की मूलभूत की राशि को बिना सरपंच की जानकारी के फर्जी तरीके से लाखों रुपए निकालकर शासन को चूना लगाया जा रहा है। वहीं पंचायत निरीक्षक एवं जनपद सीओ गौतम पर सचिव को बचाने का गंभीर आरोप सरपंच व पंचों ने लगाया है। क्योंकि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
क्या है प्रकरण –
बता दें कि ग्राम पंचायत करसीवा के सचिव प्रीति उदय के ऊपर बिना कार्य के सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से लाखों रूपए आहरण करने की शिकायत सरपंच रामप्रसाद करसाल ने लिखित शिकायत जिला कलेक्टर, मरवाही परियोजना निदेशक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला एवं जनपद पंचायत को कार्यवाही करते हुए एफआईआर की मांग किए हैं। सरपंच द्वारा लिखित शिकायत में बताया गया है कि ग्राम पंचायत करसीवा के सचिव कुमारी प्रीति उदय द्वारा मूलभूत पंचायत मद की राशि 3,38,000 रूपए दोनों खाता पंचायत में 14वें वित्त एवं मूलभूत योजना से फर्जी राशि आहरण कर लिया गया है। जबकि सरपंच का कहना है कि मेरे द्वारा उक्त किसी प्रस्ताव, चेक में हस्ताक्षर नहीं किया गया है और ना ही मुझसे हस्ताक्षर कराया गया है। इसकी जानकारी जब सरपंच, पंचायत पंच एवं ग्रामीणों को हुई तो सभी ने एक स्वर में इसका विरोध किया। बताया गया कि विरोध ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि होने के नाते हो रहा है एवं पंचायत व्यवस्था को प्रभावित किया जा रहा है, साथ साथ फर्जी राशि आहरण होने के कारण ग्राम पंचायत को बदनाम करने के सचिव के द्वारा साजिशभी किया जा रहा है। इसके पूर्व भी 14वें वित्त में फर्जीवाड़े की शिकायत भी किया गया था, जिसमें बिना कार्य के फर्जी भुगतान किया गया था। सरपंच ने बताया कि मैं ग्राम पंचायत करसीवा का सरपंच हूं, आदिवासियों व कम पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं। ग्राम पंचायत करसीवा में 14वें वित्त की राशि 5,45,750 रूपए मुझे पूर्व सरपंच से प्रभाव में प्राप्त हुआ था जिसका कोई उपयोग आज दिनांक तक पंचायत द्वारा नहीं किया गया। लेकिन वर्तमान में उक्त राशि से कोई कार्य नहीं होने के बावजूद भी ग्राम पंचायत सचिव में पदस्थ सचिव प्रीति उदय के द्वारा बिना काम कराए 14वें वित्त की राशि 5,47,750 रूपए आहरण कर गबन कर लिया गया है। दोनों मद में फर्जी तरीके से बिना कार्य के राशि आहरण पर जिला से लेकर जनपद तक के अधिकारियों को लिखित शिकायत कर कार्यवाही करते हुए एफआईआर कर सरपंच एवं पंचों, ग्रामीणों के द्वारा मांग किया गया है कि जिला स्तर से 03 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के लिए भेजा जायेगा है। जांच पश्चात कार्यवाही किया जाएगा।उठ रहे सवाल –
प्रमुख रूप से सवाल यह उठता है कि शिकायत आवेदन देने के बाद भी भ्रष्टाचारी पर अंकुश लगाने के लिए सक्षम जिम्मेदार अधिकारी सजग क्यों दिखाई नहीं देते हैं। नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही 28वें जिले के रूप में छत्तीसगढ़ के नक्शे में समाहित हुआ, पश्चात जिला दिन प्रतिदिन नया मुकाम हासिल कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचारी कर्मचारियों द्वारा भी एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार, गबन और फर्जीवाड़े में भी नया मुकाम हासिल कर रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसर कार्यवाही करने की बजाय जांच का आश्वासन देकर काम चला रहे हैं।आर.के. खूंटे परियोजना निदेशक डीआरडीए जिला पंचायत गौरेला पेंड्रा मरवाही, प्रभारी पंचायत निरीक्षक राजेश बरूआ के संरक्षण के कारण सचिव द्वारा फर्जी राशि आहरण कर लिया गया है एवं सचिव लगातार एक माह से कार्यालय में अनुपस्थित है। जिला अधिकारी से सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की मांग किया गया है। अधिकारियों द्वारा सिर्फ जांच का आश्वासन दिया जाता है, कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसके चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। – रामप्रसाद करसाल, सरपंच, ग्राम पंचायत करसिंवा
क्या है प्रकरण –
बता दें कि ग्राम पंचायत करसीवा के सचिव प्रीति उदय के ऊपर बिना कार्य के सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से लाखों रूपए आहरण करने की शिकायत सरपंच रामप्रसाद करसाल ने लिखित शिकायत जिला कलेक्टर, मरवाही परियोजना निदेशक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला एवं जनपद पंचायत को कार्यवाही करते हुए एफआईआर की मांग किए हैं। सरपंच द्वारा लिखित शिकायत में बताया गया है कि ग्राम पंचायत करसीवा के सचिव कुमारी प्रीति उदय द्वारा मूलभूत पंचायत मद की राशि 3,38,000 रूपए दोनों खाता पंचायत में 14वें वित्त एवं मूलभूत योजना से फर्जी राशि आहरण कर लिया गया है। जबकि सरपंच का कहना है कि मेरे द्वारा उक्त किसी प्रस्ताव, चेक में हस्ताक्षर नहीं किया गया है और ना ही मुझसे हस्ताक्षर कराया गया है। इसकी जानकारी जब सरपंच, पंचायत पंच एवं ग्रामीणों को हुई तो सभी ने एक स्वर में इसका विरोध किया। बताया गया कि विरोध ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि होने के नाते हो रहा है एवं पंचायत व्यवस्था को प्रभावित किया जा रहा है, साथ साथ फर्जी राशि आहरण होने के कारण ग्राम पंचायत को बदनाम करने के सचिव के द्वारा साजिशभी किया जा रहा है। इसके पूर्व भी 14वें वित्त में फर्जीवाड़े की शिकायत भी किया गया था, जिसमें बिना कार्य के फर्जी भुगतान किया गया था। सरपंच ने बताया कि मैं ग्राम पंचायत करसीवा का सरपंच हूं, आदिवासियों व कम पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं। ग्राम पंचायत करसीवा में 14वें वित्त की राशि 5,45,750 रूपए मुझे पूर्व सरपंच से प्रभाव में प्राप्त हुआ था जिसका कोई उपयोग आज दिनांक तक पंचायत द्वारा नहीं किया गया। लेकिन वर्तमान में उक्त राशि से कोई कार्य नहीं होने के बावजूद भी ग्राम पंचायत सचिव में पदस्थ सचिव प्रीति उदय के द्वारा बिना काम कराए 14वें वित्त की राशि 5,47,750 रूपए आहरण कर गबन कर लिया गया है। दोनों मद में फर्जी तरीके से बिना कार्य के राशि आहरण पर जिला से लेकर जनपद तक के अधिकारियों को लिखित शिकायत कर कार्यवाही करते हुए एफआईआर कर सरपंच एवं पंचों, ग्रामीणों के द्वारा मांग किया गया है कि जिला स्तर से 03 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के लिए भेजा जायेगा है। जांच पश्चात कार्यवाही किया जाएगा।उठ रहे सवाल –
प्रमुख रूप से सवाल यह उठता है कि शिकायत आवेदन देने के बाद भी भ्रष्टाचारी पर अंकुश लगाने के लिए सक्षम जिम्मेदार अधिकारी सजग क्यों दिखाई नहीं देते हैं। नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही 28वें जिले के रूप में छत्तीसगढ़ के नक्शे में समाहित हुआ, पश्चात जिला दिन प्रतिदिन नया मुकाम हासिल कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचारी कर्मचारियों द्वारा भी एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार, गबन और फर्जीवाड़े में भी नया मुकाम हासिल कर रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसर कार्यवाही करने की बजाय जांच का आश्वासन देकर काम चला रहे हैं।आर.के. खूंटे परियोजना निदेशक डीआरडीए जिला पंचायत गौरेला पेंड्रा मरवाही, प्रभारी पंचायत निरीक्षक राजेश बरूआ के संरक्षण के कारण सचिव द्वारा फर्जी राशि आहरण कर लिया गया है एवं सचिव लगातार एक माह से कार्यालय में अनुपस्थित है। जिला अधिकारी से सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की मांग किया गया है। अधिकारियों द्वारा सिर्फ जांच का आश्वासन दिया जाता है, कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसके चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। – रामप्रसाद करसाल, सरपंच, ग्राम पंचायत करसिंवा
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