दमोह चिश्ती नगर में लगा अक़ीदतमंदो का मेला दूर दूर से पहुँचे ज़ायरीन पेश अक़ीददत के फूल, मांगीं दुआएँ।


जबेरा दमोह- बुंदेली दर्शन न्यूज़
रिपोर्टर रानू जावेद खान



ख़्वाजा अब्दुस्सलाम चिश्ती का 32 वाँ उर्स मुबारक।
दमोह के चिश्ती नगर में दिखी क़ौमी एकता की मिसाल।
 चिश्ती नगर में स्थित दरगाह ख़्वाजा अब्दुलस्लाम साहब चिश्ती का उर्स पाक बड़ी शानों शौक़त से मनाया गया । यहाँ उर्स की महफ़िल आयोजित की गई। जिंसमें ना सिर्फ दमोह एवं अन्य राज्यों से सैकड़ों की तादाद में ख़्वाजा साहब के मुरीद दमोह के चिश्ती नगर पहुँचे ख्वाजा साहब के दरबार में हाजरी दी और अक़ीदत के फूल और चादर पेश किये । 


उर्स के आखिरी दिन महफिले रंग व कुल की फ़ातिहा हुई। मेहमान कव्वाल नागपुर महाराष्ट्र से आये सईद फ़रीद निजामी ने  सूफियाना कलाम पढ़े इस अवसर पर रंग की महफ़िल में शायर नैयर दमोही का मशहूर कलाम
"" दिल के शीशे में उतर आई है सूरत तेरी करता रहता हूँ सबो रोज़ ज़्यारत तेरी ""
कलाम पर लोग झूम उठे। महफ़िल के आखिर में कुल शरीफ़ की फ़ातिहा मौलाना तहसीन रज़ा साहब ने पढ़ी जिंसमें उन्होंने मुल्क़ में अमन चैन की दुआएँ माँगी।

उर्से सलामी में आने वाले ज़ायरीन ने क्या कहा "

उर्से सलामी में ख़्वाजा साहब के मानने वालों में सभी जाति धर्म के लोग है जो लगातार वर्षो से उर्स में शामिल होने दमोह चिश्ती नगर आये। यहाँ बीते 32 वर्षों से अपने परिवार के साथ तामियाँ छिंदवाड़ा से आने वाले शंकर गोहिया बताते हैं कि जिन महान सूफ़ी संत ख़्वाजा अब्दुस्सलाम साहब चिश्ती का आज यहाँ उर्स मनाया जा रहा है  उनसे मैं 45 सालों से जुड़ा रहा उनकी ख़िदमत किया करता था मैं किस्मत का धनी हूँ जो उनसे जुड़ा रहा इतना ही नही हज़रत ख़्वाजा साहब के बारे में बताते हैं कि ख़्वाजा अब्दुस्सलाम साहब चिश्ती जी को एक नहीं  बल्कि अनेक भाषाओं का ज्ञान था सरकार पीरो मुर्शिद से जो भी जिस भाषा में बात करता था उसे  उसी की भाषा में जबाब दिया करते थे। मेरा परिवार हर वर्ष यहां आता है और बड़ा सुकून मिलता है शंकर गोहिया जी ने यह भी कहा  यहाँ जो एक बार आ जाये उसकी तो ज़िंदगी सम्भल जाए ।  चिश्ती नगर ख़्वाजा साहब के आस्ताने पर आने वाला हर एक शख़्स अपने आप को मुकद्दर का धनी बताता है और यहां सभी की दुआएं पूरी होती है। इसी तरह होशंगाबाद के बनखेड़ी से आने वाले अब्दुल इब्राहिम बताते है कि दमोह कई वर्षों से आ रहा हूँ यहां के लोगों की जितनी तारीफ करूँ कम है  चिश्ती नगर कमेटी उर्स में आने वाले मेहमानों का काफी ख्याल रखती है यहां के मोहब्बती लोग हैं। उर्स में दमोह नगर के अलावा अन्य शहरों से लोग पहुंचे जिसमें दमोह  विधायक अजय टंडन की प्रतिनिधि के रूप में उनकी पुत्री पारुल टंडन ने चादर पेश करते हुए कहा कि हमारे दमोह जैसी गंगा जमुनी संस्कृति और कहीं नहीं नज़र आती मैं ईश्वर से अल्लाह से यही दुआ करूँगी की इसी तरह माहौल बना रहे मैं सभी नगर वासीयों को उर्से सलामी की मुबारकबाद देती हूँ इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनु मिश्रा, नगरपालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि विक्रम, रिंकु टण्डन बसीर खान ने भी ख़्वाजा साहब की मज़ार शरीफ़ पर चादर पेश की और दुआएँ माँगी । यहाँ उर्स परंपरागत तरीके से ख़ानक़ाही रीति रिवाज़ से होता आ रहा है यहाँ ख़्वाजा साहब के दरबार से कोई भी मायूस नहीं लौटता सबकी मुरादें पूरी होती है । इसीलिए हर वर्ष ऊर्दू कलेक्टर के अनुसार ग्यारवीं शरीफ़ के महीने में होने वाले उर्स मुबारक में मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, कटनी जबलपुर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, ,पचमढ़ी, सारनी, के अलावा अन्य राज्यों में राजस्थान के जयपुर, कोटा, उत्तरप्रदेश के आगरा , लख़नऊ, कानपुर जैसे महा नगरों से ज़ायरीन ख़्वाजा साहब के दरबार में उर्स के मौके पर शामिल होने आते है । उर्स कमेटी अंजुमन चिश्तिया सभी मेहमानों के ठहरने का इंतज़ाम करती है वही जगह जगह लंगर का आयोजन होता है ।

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