ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी
छत्तीसगढ़
--------------------------------------------रायगढ़, 23 अक्टूबर। खनिज विभाग ने केराझर के कोल डिपो से निकले तीन ट्रेलरों में जांजगीर-चांपा की पर्ची बरामद की। इस मामले में कई कहानियां सामने आनी बाकी हैं। तीनों वाहन रायगढ़ के ट्रांसपोर्टरों के बताए जा रहे हैं। वाहन की जानकारी लेने पर पता चला कि तीनों अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर हैं। केराझर के कोल डिपो में लंबे समय से गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थी। हालांकि असली खेल अभी भी खनिज विभाग की पकड़ में नहीं आया है। हाल में तीन ट्रेलर पकड़े गए तो सवाल उठ रहे हैं। जांजगीर-चांपा की रॉयल्टी पर्ची पर रायगढ़ के कोल डिपो से कोयला लोड करना बड़ी गड़बड़ी है। कोयले के पलटी करने का खेल ही डिपो में हो रहा है। डिपो संचालक बिलासपुर, जांजगीर – चांपा और रायगढ़ के बीच कोयले की जमकर अफरा-तफरी कर रहा है।
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खनिज विभाग ने डिपो में असली खेल पर चोट नहीं की है। इनपुट टैक्स क्रेडिट के घपले में कोल माफिया के साथ इस डिपो संचालक का नाम भी शामिल है। इस बार तीन गाडिय़ों के पकड़े जाने के बाद रायगढ़ के ट्र्रांसपोर्टरों का गठजोड़ सामने आया है।सीजी 13 एल 2195, सीजी 13 एल 1038 और सीजी 13 एल 5058 के रजिस्ट्रेशन डिटेल्स देखे गए तो यह वाहन अशोक सिंघल, सुरेश कुमार शर्मा और अश्विनी गर्ग के नाम पर मिले। तीनों के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिल रही है। कहा जा रहा है कि गाड़ी इनके नाम पर है लेकिन परिवहन का काम कोई ट्रांसपोर्टर ही करवा रहा है।
विज्ञापन डिपो में कोयले की आवक और उसे बेचने का रिकॉर्ड खंगाला नहीं गया है। बदल पिट पास को लेकर भी बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है। यह भी संभावना है कि टैक्स चोरी का काम फिर से शुरू हो गया हो।
डिपो में चोरी का कोयला
जांजगीर-चांपा जिले की टीपी मिलने के बाद इस बात का संदेह है कि कहीं यह कोयला किसी अवैध स्रोत से तो नहीं मिला है। दरअसल उस रूट पर कई कंपनियों का कोयला परिवहन होता है। इसलिए संभव है कि गाडिय़ों से कोयला पलटी किया जाता हो।
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