छत्तीसगढ़
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रायगढ़ - लैलूंगा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत झगरपुर में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर की सुबह 4 बजे जब मीडियाकर्मी अम्बिकापुर पत्रकार आंदोलन से वापस लौट रहे थे तब तीन आदमियों के द्वारा लगभग 45 गायों को निर्दयीता पूर्वक मारते पीटते हांक कर ले जाया जा रहा था जिसमे बछड़े व बुढ़ी गायें भी शामिल थे। जिसे देखकर उक्त गायों को इतनी अधिक मात्रा और भोर में ले जाने की बात उन हाँकने वालों से पूछे कि आप लोग इन्हें कहाँ से लेकर आ रहे हैं और कहाँ तक ले जा रहे हैं और क्या आप लोगों के पास इन गायों को लेकर जाने के लिए कोई पंचायत से या किसी भी प्रकार की अनुमति कागजात है तो उन हाँकने वालों ने बताया कि यह सभी गाय हमारी नहीं है और न ही इनको ले जाने के लिए हमारे पास कोई पुख्ता जानकारी है क्योंकि हम लोगों को इस काम करने के लिए मजदूरी दी जाती है लगभग 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से।इस बात पर हाँकने वालों में से एक ने बताया कि यह सारा व्यवसाय एक नहीं दो दो व्यक्तियों के द्वारा करवाया जा रहा है। तब हमने गौ तस्करी के संदेह पर मौके पर ही लैलूंगा थाने से संपर्क कर उन्हें अवगत कराया ।
● क्या कहते हैं लैलूंगा थाना के एस आई.......
मामले में जब हमने हमनें उक्त गोधनों की दुर्दशा को देख जब लैलूंगा थाने के एस आई से दुरभाष से सम्पर्क कर मामले की जानकारी दी तो उनके द्वारा हमें ही उल्टा सीधा सा जवाब देने लगे कि क्या अब पुलिस वालों को गायों को भी हाँकने होंगें और आप लोग भी इस बात को भुलाकर जाइये, इस बात हमने उनसे कहा कि आप जैसे जिम्मेदार अधिकारी को इस तरह से बोलना क्या न्यायोचित है ?जिस पर उक्त अधिकारी द्वारा कुछ अनर्गल प्रलाप किया गया और थाना प्रभारी को सुचित करने को बोलकर फोन काट दिया।
● डायल 112 को भी संपर्क कर गौ तस्करी से अवगत कराया गया......
मामले में जब लैलूंगा थाना के एस आई से निराश होकर हमने डायल 112 से संपर्क कर उन्हें भी मामले से अवगत कराने पर उन्होंने कहा कि आप लोग निश्चिन्त रहिये आपके डायल 112 की टीम दस मिनट में मौके पर पहुँच जाएंगे लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी पुलिस प्रशासन से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया और तो और लैलूंगा थाना पुलिस व डायल 112 भी मौका स्थल पर नहीं पहुंची।
● मामले में पुलिस प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता देख गौ माता की रक्षा मे ग्रामीणों के सहयोग से ग्राम कोटवार से सम्पर्क स्थापित किया गया.....
मामले में जब किसी भी प्रकार से कोई सहयोग नहीं मिला तो हमनें ग्रामीणों के सहयोग से उक्त ग्राम पंचायत के कोटवार से संपर्क कर बुलवाये और जब कोटवार मौका में पहुंचे तो कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई पंचायत के कोटवार ने कहा कि आये दिन यह गौ तस्करी का काम धड़ल्ले से चल रहा है जिस कारण ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि और अन्य सदस्यों के द्वारा भी थाने में शिकायत की गई है लेकिन यहाँ सिर्फ गौ तस्करी करने वाले माफियाओं का संबंध पुलिस विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ तथा कुछ सफेदपोश नेताओं के संरक्षण के कारण ही यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।जिस पर हमने कहा कि इस मामले में इस असहाय मासूम गोधनो को आप कैसे करेंगे तो उक्त ग्राम के कोटवार ने और ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग इनको तो पहले गौठान में ले जाकर रखेंगे और उसके पश्चात थाना में लिखित शिकायत दर्ज करायेंगे।
● सरपंच प्रतिनिधि का क्या कहना है इस मामले में आइये जानते हैं......
मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच पति और सरपंच प्रतिनिधि को कोटवार के माध्यम से सूचना मिलने से मौके पर पहुचे सरपंच पति ने
बताया कि यह गौ तस्करी का काम रोज का है और कई बार इन लोगों से लड़ते भी है और रात को भी और दिन में भी कई बार पकड़े हैं लेकिन शासन प्रशासन के सांठ गाँठ से हम लोग फेल हो जाते हैं और दुश्मन हम बन जाते हैं।इस मामले में कभी कार्यवाही करने की बात पर उन्होंने बताया कि एक बार हुआ था जिसको बनेकेला गौठान में रख दिये जहां पर उक्त गौतस्करों के द्वारा ही जानबूझकर आपसी मिली भगत से अपने अपने आदमियों को बांट दिया गया था।मामले में आप लोगों के द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही किया जायेगा तो उन्होंने कहा कि उक्त गोधन किसका है और कहाँ का है पता करते हैं और यदि मामला गौतस्करी का है तो गाँव में ही इसका वितरण कर देंगे।
● आइये जानते हैं ग्रामीणों का कहना.....
मामले की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो सभी मौके पर पहुंचे और देखकर जिसमें उक्त ग्राम पंचायत के गौठान समिति के अध्यक्ष भी थे। उक्त समस्त ग्रामीणों ने कहा कि यह गौतस्करी का काम करने में हमारे ग्राम पंचायत के भी कई लोगों की मिलीभगत से ही यह धंधा करने में गौतस्करों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होता है और कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोले या शिकायत करने की बात कहे जाने पर उक्त असमाजिक तत्वों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी भी खुलेआम दी जाती है जिस कारण हम ग्रामीण देखते हुए भी चुप रहने पर मजबूर हैं।
● आखिर किनकी सांठगांठ से चल रहा है गोरख धंधा? क्यों हैं गौ तस्करों के हौसले बुलंद?
गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत झगरपुर में पकड़े गए मवेशियों को गौठान में रखा गया था किंतु कुछ घंटों बाद ही गौ तस्करों द्वारा पहले पैसों का प्रलोभन देते हुए गायों को छोड़ने की बात पंचायत में रखी गई तथा पंचायत के जिम्मेदार लोगों द्वारा मना कर कार्यवाही करने की बात पर ग्रामीणों पर आक्रोशित होते हुए गाली गलौज कर मारने पीटने की धमकी देते हुए जबरजस्ती गायों को लेकर चले गए जिसकी जानकारी उन्होंने लैलूंगा के थाने साथ-साथ मीडिया को भी अवगत कराया है।
बहरहाल जहा एक ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुआ, घुरुआ, बारी को संरक्षित रखने एवं किसानों को समृद्ध बनाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान निर्माण करा आ रही है तथा गोधन न्याय योजना को सफल बनाने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर गोधन के साथ अन्याय अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा प्रदेश में लगातार जारी है गौ तस्करी का अवैध कारोबार क्या यही है हमारे प्रदेश सरकार की कथनी और करनी? क्या ऐसे ही होते रहेंगे गौ माता के साथ न्याय?आखिर कब रुकेगी मेरी गौ माताओं की नृशंष हत्या?
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