छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी 

नई दिल्ली। देश कुछ हिस्सों में मकर संक्रांति आज मनाई जा रही है, वहीं बाकी हिस्सों में मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी मनाई जाएगी। दरअसल पंचांग में मतभेद के कारण सूर्य का मकर राशि में परिवर्तन का समय कुछ पंचांग में 14 जनवरी की दोपहर तो कुछ में रात का बताया गया है। इस कारण से इस बार मकर संक्रांति 14 और 15 जनवरी दोनों ही दिन मनाई जा रही है।

हर साल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं। इन सभी 12 संक्रांतियों में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव हर एक माह बाद अपनी राशि बदलते रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर दान,स्नान, पूजा-पाठ और जप-तप करने का विशेष महत्व होता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ सूर्य उत्तरायण होना शुरू हो जाते हैं। इसलिए ही इस दिन को उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन से देश में दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं। शीत ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार कब है? क्या यह 14 जनवरी को मनाया जाएगा या 15 जनवरी को इस बारे में जानते है विस्तार से….

हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर है। 14 जनवरी, शुक्रवार की रात्रि को 08 बजकर 49 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मकर संक्रांति का पुण्य काल अगले दिन यानी 15 जनवरी, शनिवार की दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। ऐसे में दान,स्नान और ध्यान करने के लिए 15 जनवरी, शनिवार के दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। 14 जनवरी की रात को संक्रांति शुरू हो जाने के कारण पुण्य काल में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। मकर संक्रांति को कई स्थानों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इस दिन को खिचड़ी का त्योहार भी कहते हैं।

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