छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी 

खरसिया। पूस पुन्नी के दिन अल सुबह से ही कानों में बच्चों की आवाज गूंज रही थी, जो दरवाजे पर आकर कह रहे थे छेरछेरा.. कोठी के धान ला हेरहेरा।
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा पर्व को पूरे अंचल में धूमधाम से मनाया गया। हर ओर उत्साह एवं खुशहाली देखी गई। वहीं घर-घर में महिलाओं ने तरह-तरह के पारंपरिक व्यंजन बनाकर इस त्यौहार की मिठास को और बढ़ा दिया। इस दिन तक कृषकों के कृषि संबंधित सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं, वहीं खलिहान में धान की ढेरी लग जाती है। ऐसे में अपनी मेहनत को सफल देखकर प्रत्येक कृषक आज के दिन को त्यौहार के रूप में मनाता है। वहीं परम्परा के अनुसार कोठी खोलकर खुले हाथों से दान भी करता है।

Post a Comment

और नया पुराने
RNVLive NEWS WEB SERVICES