ब्यूरो रिपोर्ट सागर
सागर। बुंदेलखंड की एक मात्र उत्तरमुखी विराजी मां सरस्वती के मंदिर में बसंत पंचमी पर दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इतवारा बाजार स्थित सरस्वती मंदिर में 51 साल पहले वर्ष 1971 में मां सरस्वती की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मां सरस्वती ज्ञान की देवी है और उत्तर दिशा की अधिस्ठात्री है। इस कारण यहां मूर्ति की स्थापना उत्तर मुखी की गई। एकल उत्तरमुखी की प्रतिमा का यह एकमात्र मंदिर है। इस मंदिर में बसंत पंचमी पर विशेष आयोजन होते हैं।मंदिर के पुजारी यशोवर्धन चौबे ने बताया कि मां सरस्वती विद्या, बुद्घि, कला एवं संस्कार को प्रदान करने वाली देवी हैं। मप्र में अकेले सागर में बसंत पंचमी पर बुंदेलखंड अंचल के एक मात्र मां सरस्वती की एकल प्रतिमा वाले उत्तरमुखी मंदिर में दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है
।सागर शहर के इतवारा बाजार में सरस्वती जी का पुराना मंदिर बना हुआ है। करीब 51 साल पहले मंदिर में मां सरस्वती की संगमरमर की मूर्ति की स्थापना की गई थी।बसंत पंचमी महोत्सव पर दिनभर कई आयोजन होते है । इस मौके पर आकर्षक सजावट मंदिर में की जाती है। यहां सुबह से धार्मिक आयोजनों का सिलसिला शुरू होता है, जो देर रात तक चलता है। इस दौरान 14 संस्कार कराए जाते हैं। बच्चों की जीभ पर ओंम लिखकर अक्षर संस्कार किया जाता है। इसके अलावा भजन संध्या समेत अन्य आयोजन होते हैं।
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