छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

गेवरा/कोरबा - जब सैयां भये कोतवाल तब डर काहे का... ये कहावत कोयलांचल जो अब डीजलांचल बन गया है वहां फिट बैठती है। यहां पुलिस महकमे के एज सिपाही चोरों के लिए ढाल बना हुआ है। लंबे समय तक इस इलाके में पदस्थ सिपाही की मौजुदगी अब जिला से बाहर ट्रांसफर होने के बाद भी यहां अवैध तरीके से बनी हुई है। ये मौजूदगी उन लाखों रुपये के डीजल चोरी के हिसाब किताब के लिए है जिसके दम पर सैकड़ो की संख्या में चोर दीपका-गेवरा खदान में घुस हर रोज चोरी कर रहे है। पुलिस के इस सिपाही की वैसे तो ड्यूटी हाईकोर्ट में है लेकिन हर रोज बहाने से ये सिपाही हरदीबाज़ार और दीपका में मौजूद मिलेगा। दावा तो ये भी है कि ये सिपाही पुलिस पकड़ से बचाने इन लोगो से हर रोज हजारों रुपये की रिश्वत लेता है बदले में पुलिस के मूवमेंट की हर ख़बर इन डीजल चोरों को मिलती रहती है पुलिस इस बात से परेशान है कि आखिर पखवाड़े भर से कोई डीजल चोर उनके हत्थे नहीं चढ़ रहा लेकिन हक़ीक़त तो यही है कि जब राजदार ही राजफाश पर उतारू रहे तो भी राह आखिर राज कैसे रहे। पुरानी पोस्टिंग का नतीजा है ये कि इसको यहां के हर खुफिया रास्ते मालूम है, पुलिस गस्त पॉइंट मालूम है व पुलिस एक्टिविटी पर खुद ही नज़र रखे रहता है। डीजल चोर पुरुषोत्तम  के बारे में बताया जाता है कि उसके सर पर किसी भाजपा नेता का हाथ है तो दीपका में बलगी के एक लड़के का ग्रुप घुसता है वहीं कुसमुंडा में छोटे पैमाने में ही सही लेकिन अभिषेक के संरक्षण में खान के लोग जाते है। इन तीनो खदानों से हर रोज करीब 10 लाख का डीजल पार हो रहा है। एसईसीएल के खदानोें में सैकड़ों की संख्या में तैनात सीआईएसएफ की मौजूदगी के बीच चोर हर रोज खदान में घुस दुस्साहस कर डीजल की चोरी कर उसे खपा देें। हर रोज 50 से 100 चोर दीपका और गेवरा खदान में घुस सीआईएसएफ के अधिकारियों को चोरी को नजरअंदाज करने के एवज में रोज हजारों का चढ़ावा पहले देते है। इधर एसईसीएल के अधिकारी हर रोज मुख्यालय में डीजल कम होने की रिपोर्ट भेजते है। लेकिन इस कमी को चोरी कभी भी ऑफिशियल दस्तावेजों में नहीं कहा जाता है न ही एसईसीएल के अधिकारी इस बाब्त स्थानीय थानों में रिपोर्ट दर्ज कराते है। यही पुलिस के लिए सरदर्द की बड़ी वजह है कि पकड़ में आने के बाद भी चोर के विरूद्ध 41/1-4 याने चोरी के संदेह के तौर पर कईयों बार कार्रवाई करनी पड़ती है जिसका नतीजा ये होता है कि चोरों को जल्दी जमानत मिल जाती है और एक-दो दिनों के आराम के बाद लखपति बनने का सफर फिर तय होता रहता है... देखना होगा सीआईएसएफ व एसईसीएल के अघोषित आर्शिवाद के साथ जारी तेल के मेल का खेल कब खत्म बंद होगा।

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