सागर में जब अप्रशिक्षित झोलाछाप डाक्टरो पर हुई कार्यवाही

सागर। ग्राम जरूआखेडा में अप्रशिक्षित डॉक्टर के इलाज के बाद 16 वर्षीय किशोर की तबियत बिगडनें और मौत होने की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाये डॉ. ज्योति चौहान एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी द्वारा तत्काल संभाग एवं जिला स्तरीय टीम का गठन कर जांच करवाई गई। रविवार 7 अप्रैल को ग्राम जरूआखेडा भेज कर झोलाछाप डॉक्टरों पर जांच एवं कार्यवाही की गई। दो ऐसी क्लीनिक पर कार्यवाही की गई जिसमें एक क्लीनिक बंद पाई गई। गनेश नियोगी ने जिस बच्चे का इलाज किया था उसने क्लीनिक एवं फोन बंद कर दिया था तथा लोगो के बुलाने से भी नही आया, उस पर कार्यवाही की गई। उसके बाद स्टेशन रोड जरूआखेडा मे एक झोलाछाप डॉक्टर पियूष पाल 10 से 15 मरीजो का इलाज करते हुये पाया गया। उसके व्दारा बताया गया कि उसकी क्लीनिक को सरपंच जरूआखेडा जनपद सदस्य, कन्स्टेवल थाना जरूआखेडा, एवं संभाग एवं जिला टीम ने पंचनामा बनाकर उक्त फर्जी क्लीनिक सील कर दी।

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