सतनाम वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष, युवा उद्योगपति एवं जनसेवक मनी सिंह गुरोन समाजसेवा के क्षेत्र में अपने कार्यों को लेकर निरंतर चर्चाओं में बने रहते हैं। वे जरूरतमंदों और असहायों की सेवा को जीवन का उद्देश्य मानते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा,
"अगर आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं, लेकिन आपके अंदर दया नहीं है, तो आप मानसिक रूप से दरिद्र हैं। धन और दूसरों के प्रति करुणा, ये दो अलग विषय हैं।"
मनी सिंह गुरोन का मानना है कि यदि ईश्वर ने आपको सक्षम बनाया है तो यह आपका नैतिक कर्तव्य है कि आप जरूरतमंदों की यथासंभव सहायता करें। उन्होंने कहा, "नर सेवा ही नारायण सेवा है।" उनके अनुसार, जो व्यक्ति समाज के पीड़ित वर्ग के लिए कुछ करने की इच्छा रखता है, वही सच्चे अर्थों में मानवता की सेवा कर रहा है।
कुछ लोग उनके कार्यों को दिखावा या धन की बर्बादी मानते हैं, लेकिन मनी सिंह को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वे कहते हैं, "जब आप अच्छे कार्य करते हैं तो आलोचना होना स्वाभाविक है, लेकिन हमें अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होना चाहिए।"
अक्षय तृतीया के अवसर पर, मनी सिंह गुरोन ने घरौंदा आश्रम में रहने वाले वृद्धजनों के लिए भीषण गर्मी को देखते हुए कूलर भेंट किए, जिससे उन्हें राहत मिल सके। इसके अलावा, वे कई सेवाकार्य गुप्त रूप से भी करते हैं, जो आम जनता की नजरों से दूर रहते हैं।
अब वे आगामी 3 जून को, अपनी विदेश यात्रा से पहले, शहर के प्रमुख मंदिरों के आसपास रहने वाले बेसहारा लोगों के लिए विशेष सेवा अभियान शुरू करने जा रहे हैं। इस दौरान उन्हें ठंडा पेयजल, शीतल पेय और ताजे फल वितरित किए जाएंगे। उनका मानना है कि "जरूरतमंद के लिए छोटी-से-छोटी मदद भी एक बड़ा उपहार होती है।"
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