मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 06 जनवरी 2025 को जारी आदेश (क्रमांक 1/1/5/0049/2024-GAD-7(2)-01) में साफ-साफ कहा गया था कि
> "सभी शासकीय सेवक 01.01.2024 से 31.12.2024 की स्थिति में अपनी अचल संपत्ति का विवरण 31 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन प्रस्तुत करें।"
लेकिन आज दिनांक 11 जुलाई 2025 है — यानी 6 महीने बीत चुके हैं —
ना तो ब्यौरे जमा हुए, ना कार्रवाई हुई, और ना ही कोई जवाबदेही तय हुई।
एक अपील हमारे चैनल की है
"MP के मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, उनके IAS/Non-IAS OSD और PA की संपत्ति की जांच हो – चल-अचल संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया जाए।"
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🧾 आदेश की पक्की प्रति मौजूद – फिर भी कागजी आदेश, जमीनी असर ZERO!
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देखिए, यही है वो सरकारी आदेश जो सबको हिलाना चाहिए था, लेकिन सिस्टम ही सुन्न है।
(प्रतिलिपि नीचे दी गई है, जिसमें उप सचिव (स्थानापन्न) जयेंद्र कुमार विजयवत द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं)
➡ आदेश में कहा गया कि नियमों के अनुसार हर शासकीय सेवक को हर वर्ष जनवरी में अचल संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है।
➡ ब्यौरा NIC की ई-ऑफिस प्रणाली से ऑनलाइन प्रस्तुत करना था।
➡ यदि कोई तकनीकी परेशानी हो, तो साफ नंबर (2423) पर संपर्क करने का विकल्प भी दिया गया था।
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🔥 6 महीने बाद भी...
❌ ना कोई सस्पेंशन
❌ ना कोई नाम उजागर
❌ ना जांच शुरू
✅ लेकिन बेनामी संपत्ति, फार्म हाउस और लग्जरी गाड़ियों की गूंज हर जिले में!
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💥 जनता के सवाल – अब तो आदेश भी है, कब होगी कार्रवाई?
1. किसने नहीं दिया ब्यौरा?
2. कितने अफसरों ने संपत्ति छिपाई?
3. कितनों के रिश्तेदारों के नाम करोड़ों की संपत्ति है?
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📌 खास रिपोर्ट जल्द
हम इस आदेश के आधार पर जिलेवार फॉलोअप करेंगे —
किसने ब्यौरा दिया, किसने नहीं, और क्या सरकार अपने ही आदेश पर खरी उतर पाई?
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