छत्तीसगढ़ हेड ब्यूरो बुंदेली दर्शन
रोशन कुमार सोनी
मो - 7440966073
अंबिकापुर - मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 24 घण्टे में 4 नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। बीते रात चार बच्चों की संदेहास्पद मौत से अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर उंगलियां उठ रही है। नवजात बच्चों के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। अस्पताल व्यवस्था पर आक्रोशित परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर विरोध जताया है। मृत बच्चों के परिजनो ने डॉक्टर व नर्स की लापरवाही बता कर स्वाथ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को मौके पर बुलाने के लिए चक्काजाम कर दिया। गुस्साए परिजन चक्का स्वास्थ्य मंत्री को बुलाने की बात पर अड़े हुए थे।
चार नवजात बच्चों की मौत की खबर आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को अंबिकापुर जाने का निर्देश दिया है। शिव डहरिया भी स्थिति का जायजा लेने के लिए अंबिकापुर जा रहे हैं। 24 घंटे में जिन 4 बच्चों की मौत हुई है, उनके परिजनो का रो-रो कर बुरा हाल है तो वहीं उनके रिश्तेदारों ने अस्पताल का घेराव कर लापरवाही करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।
मंत्री सिंहदेव का दिल्ली से अंबिकापुर वापसी
अंबिकापुर स्थित मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्चों की मृत्यु के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव अपना दिल्ली दौरा बीच में छोड़ अंबिकापुर वापस लौट रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने बिलासपुर और रायपुर से स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम को अंबिकापुर पहुंचने के लिए निर्देशित भी किया है।
जाने कैसे हुआ ये सब
- बैजनाथपुर निवासी उदय सिंह ने अपने 4 दिन के नवजात बच्चे को 12 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तबियत खराब होने पर भर्ती कराया था। उसे एसएनसीयू में रखा गया था। 16 अक्टूबर की सुबह 3.30 बजे बच्चे की मौत हो गई।
- राजपुर निवासी महेश ने अपने डेढ़ महीने के बच्चे को 13 अक्टूबर को एसएनसीयू में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान 16 अक्टूबर की सुबह 4 बजे मौत हो गई।
- दरिमा निवासी देवानंद ने अपने 27 दिन के नवजात को 19 सितंबर को भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान 16 अक्टूबर की सुबह 5 बजे मौत हो गई।
- उदयपुर निवासी बालकेश्वर ने दो दिन के नवजात शिशु को 15 अक्टूबर को भर्ती कराया था। 16 अक्टूबर की सुबह 6.45 बजे उसकी मौत हो गई।
बहरहाल मामला इसलिए भी चर्चा में आ गया है क्योंकि ये पूरा वाकया प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के गृह जिले और उनके विधानसभा क्षेत्र का है। बच्चों की मौत लापरवाही से हुई है या फिर जो अस्पताल प्रबंधन कह रहा है वो सच है? ये जांच के बाद सामने आएगी।
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