छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

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रायगढ़, 9 फरवरी 2022/ शासन की योजना से ग्रामीण आजीविका और रोजगार के अवसर विकसित हो रहे है। जिससे लोग स्वयं का रोजगार अपनाकर अपने परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा पा रहे हैं। विकासखंड तमनार के ग्राम केशरचुंवा के श्री चैतन राम राठिया पूर्व में मत्स्याखेट तक सीमित थे। जिससे उन्हें प्रतिदिन आखेट पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे उनके पूरे परिवार को आर्थिक समस्याओं से जुझना पड़ता था। लेकिन आज शासन की योजना और प्रोत्साहन से श्री राठिया द्वारा 12 सदस्यों का मछुआ समूह बनाकर शासकीय तालाब को 10 वर्षीय पट्टे पर लेकर मछली पालन प्रारंभ किया गया। जिससे आज श्री राठिया को स्थायी आय का साधन निर्मित हो चुका है और उनका पूरा परिवार खुशहाल है।
मछुआ समूह को मछली पालन के माध्यम से स्वालंबन हेतु तालाब को समूह को 10 वर्षीय पट्टे का आबंटन दिया गया। जिसमें समूह अब मछली पालन कर रहे है। समूह द्वारा 15 से 20 हजार की उन्नत किस्म के मछली बीज का संचयन किया जा रहा हैं। जिसमें मछली पालन विभाग द्वारा समूह को मछली पकडऩे एवं मछली बेचने के लिए जाल व आइस बॉक्स प्रदान किया गया। मछली उत्पादन में साल में तीन बार अप्रैल, मई व जून में मत्स्याखेट का कार्य किया जाता है। जिसे स्थानीय व साप्ताहिक बाजार में विक्रय हेतु 80 से 90 किलो ग्राम मछली निकालकर 150-200 प्रति किलो की दर से विक्रय किया जाता हैं। जिससे प्रत्येक सप्ताह 15 से 20 हजार रुपये आय प्राप्त होती थी। इसी प्रकार साल भर में 9 से 10 क्विंटल तक का मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। जिससे समूह को सालाना डेढ़ से दो लाख रुपये तक की आय प्राप्त हो रही है। समूह का कहना है आय बढऩे से मछुआरा समूह के सदस्यों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आय बढऩे से समूह के सदस्यों को अपने परिवार के भरण-पोषण में आसानी हो रही है एवं वे अपने बच्चों को भी उच्च शिक्षा दिला पा रहे है।

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