कन्यादान योजना की व्यवस्थाओं पर लाखों खर्च में गड़बड़ी की आशंका उप सरपंचों ने भी लिए थे दोबारा फेरे 

।      ब्यूरो प्रवीण प्रजापति 



पथरिया - 12 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह / निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन पथरिया नगर के कृषि उपज मंडी प्रांगण में संपन्न हुआ था जिसमें करीब 75 कुल जोड़ों के विवाह / निकाह संपन्न कराए गए थे। 
पथरिया में संपन्न हुए विवाह सम्मेलन में 75 जोड़ों पर की गई व्यवस्था में खर्च हुए करीब 4 लाख 30 हजार जिसमें किराना, बैनर फ्लेक्स, खाना के पैकेट, टेंट, अखबारों में लगे विज्ञापनों के बिल इत्यादि शामिल रहे। जिसकी अगर निष्पक्षता से जांच हो जाए तो इस पूरे खेल में भारी भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। 
 
     खाना पैकेट पर खर्च हुए 112110 

तो वही वर वधू पक्ष के लिए खाने की व्यवस्था भी यहां पर रखी गई जोकि पैकेट के माध्यम से खाना बांटा गया जिसमें पूड़ी, सब्जी एक रसगुल्ला और सलाद शामिल रहे एवं खाने की कमजोर क्वालिटी और कच्ची पूडि़यां यहां पर चर्चा का विषय बनी रहीं।और खाना पैकेट पर खर्च हुए करीब 1 लाख 12 हजार 110 रूपये जिसमें जवाबदार अधिकारियों द्वारा बताया गया कि एक खाना पैकेट की कीमत करीब 35 से ₹40 रखी गई थी। 
और वर एवं वधू पक्ष के लोगों को 15 - 15 खाना के पैकेट तैयार करवाए गए थे तो वही 300 थाली अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों के लिए तैयार करवाई गई थी। एवं खाना के पैकेट व थाली पर करीब 1 लाख 12 हजार 110 रुपए के बिल रानी दमयंती बाई स्व सहायता समूह के नाम पर स्वीकृत किए गए। 

बैनर फ्लेक्स के नाम पर करीब 70 हजार के लगाए बिल टेंट के लिए 1 लाख 27 हजार 
उक्त सामूहिक विवाह सम्मेलन में बैनर फ्लेक्स के नाम पर 70 हजार के बिल लगाए गए जिसमें जय जय सरकार प्रिंटिंग प्रेस के नाम पर 51 हजार 7 सौ ₹32 का भुगतान हरवेन्द्र सिंह ठाकुर पथरिया को किया गया एवं सत्य साईं प्रिंटर के नाम पर 18 हजार 1 सौ 44 रुपये का एक और बिल बैनर फ्लेक्स के ही नाम से मोहित सिंह ठाकुर के नाम पर लगा कर करीब ₹70 हजार की राशि निकाली गई जो नगर में चर्चाओं का विषय है कि आखिर ₹70 हजार के बैनर फ्लेक्स कहां लगाए गए बता दें कि यदि बैनर फ्लेक्स बनवाने के लिए मार्केट रेट करीब ₹10 फीट के हिसाब से चलता है और आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 7 हजार वर्ग फिट में कितने बैनर फ्लेक्स तैयार हो सकते हैं जो चर्चाओं में हैं। वही ₹1 लाख 27 हजार 450 का टेंट का बिल अशोक टेंट हाउस पथरिया के नाम से स्वीकृत किया गया तथा विवाह संपन्न कराने वाले 35 पंडितों व दो काजी के लिए ₹22000 की दक्षिणा दी गई एवं आचार्यों के सम्मान हेतु 35 साल करीब ₹12950 में खरीदे गए। 
उपलब्धता दर्शाने दोबारा लगवाए फेरे रहे चर्चाओं में 

तो वही सामूहिक विवाह सम्मेलन में अधिकारियों की मनमानी भी चर्चाओं में रही 
क्योंकि पर्याप्त समय मिलने के बाद भी सिर्फ यहां विवाह सम्मेलन में वर वधु के पर्याप्त जोड़ों की खानापूर्ति कर अपनी उपलब्धता दर्शाने के लिए कई जोड़ों के दोबारा विवाह भी कराए गए यहां तक कि 2 ग्राम पंचायतों के उपसरपंचों तक के दोबारा फेरे लगवा दिए गए थे।  
ज्ञात हो कि सामूहिक विवाह समारोह में दोबारा हुए विवाह के कारण वास्तविक हितग्राहियों को शासन की महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल पाता है क्योंकि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के चलते जिन व्यक्तियों का विवाह पहले संपन्न हो चुका है ऐसे कुछ व्यक्तियों का विवाह सम्मेलन में दोबारा संपन्न कराकर उन्हें फर्जी तरीके से वह आर्थिक लाभ पहुंचाया गया जो कि वास्तव में गरीब कन्याओं को मिलना चाहिए जबकि सिर्फ गरीब जरूरतमंद कन्याओं को शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ मिल सके इस हेतु कई प्रकार के प्रमाण पत्र दस्तावेज इत्यादि लगाए जाते हैं एवं उन्हें सत्यापित करने के लिए भी एवं निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं और उसके बावजूद भी यदि इस प्रकार की गलतियां सामने आती हैं तो फिर यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसा जानबूझकर किया गया है जो भी हो लेकिन यदि ऐसा होता है तो सरकार द्वारा चलाई जा रही गरीब कन्याओं के हितों में शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ वास्तविक हितग्राहियों को कम ही मिल पाता है।

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