सागर। संभाग आयुक्त डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने छतरपुर खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित वर्मा द्वारा अभियोजन स्वीकृति समय सीमा में नहीं लिए जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया ळें कलेक्टर छतरपुर के प्रस्ताव से अवगत कराया गया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं मानक अधिनियम के तहत मानक स्तरों की जांच हेतु 21 नमूने लिये गये थे। उक्त 21 नमूने खाद्य विश्लेषण, राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, ईदगाह हिल्स, भोपाल के द्वारा अवमानक घोषित कर किये गए। अधिनियम की धारा 46 के तहत अपील करने की सूचना देने के उपरान्त भी आरोपी द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक नियम के अन्तगर्त निर्धारित समयावधि तीस दिन के भीतर खाद्य विश्लेषण के जांच प्रतिवेदन के विरुद्ध कोई अपील नहीं की गई है। अधिनियम की धारा 36 (3) (ड) में है कि समय सीमा में अभिहित अधिकारी द्वारा जुर्माने से दंडनीय उल्लंघनों के मामले में अभियोजन की मंजूरी देना या अभियोजन आरंग्भ करना प्रावधानित है। श्री अमित वर्मा द्वारा उक्त अभियोजन स्वीकृति समय-सीमा में नहीं ली गई व समय-सीमा में नहीं दी गई और न ही इस ओर कोई ध्यान दिया गया, जिससे मिलावट खोरों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही नहीं हो सकी।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन किसी अपराध के कारित होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि में प्रस्तुत करने में हुये विलम्ब का कारण व अधिनियम की धारा 77 के अनुसार अभियोजन अनुमोदन हेतु प्रस्तुत नोट शीट में दस्तावेज प्रस्तुत न करने व विलम्ब से प्रस्तुत करने पर कलेक्टर छतरपुर द्वारा श्री वर्मा को कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जो दिनांक 18-08-2023 को श्री वर्मा को प्राप्त होने से उपरांत भी उनके द्वारा उक्त नोटिस का जवाव प्रस्तुत नहीं किया गया।
म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण अपील) नियम 1966 के नियम-16 के अन्तर्गत लघुशास्ति हेतु आरोप ज्ञापन जारी कर 10 दिवस में वर्मा से उत्तर चाहा गया था। किन्तु वर्मा द्वारा उक्त आरोप ज्ञापन के संबंध में उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया है, जो उनकी स्वेच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है। अमित वर्मा का उक्त कृत्य गंभीर अनियमितता, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता का द्योतक एवं पदीय कर्तव्यों के प्रतिकूल होकर म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम का उल्लघंन है। अतएव अमित वर्मा म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में वर्मा का मुख्यालय, कार्यालय कलेक्टर जिला छतरपुर नियत किया गया है एवं निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
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