नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर। नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म़ करने वाले आरोपी लोकमन पटैल को भा.द.वि. की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सों एक्ट की धारा- 5एल/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड तथा एस.सी/एस.टी. एक्ट की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-3(2)(व्ही) के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी  रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/ पीड़िता के भाई ने दिनांक 08.02.2021 को पुलिस थाना में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 07.02.2021 को वह शाम करीब 6.00 बजे खाना खाने के बाद काम से बाहर चला गया जब करीब 7.30 बजे घर वापस आया तो बालिका/पीड़िता घर पर नहीं थी। उसने बालिका की आसपास एवं रिश्तेदारी में तलाश की किन्तु बालिका नहीं मिली। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। दिनांक 08.02.2021 को बालिका के दस्तयाब होने पर उसने अपने कथनों में उसे अभियुक्त लोकमन पटैल द्वारा जबरदस्ती खींचकर उसके घर ले जाकर उसके साथ गलत काम करना एवं वहां से मोटरसाईकिल पर बैठाकर ले जाकर एक मकान में भी उसके साथ जबरदस्ती गलत काम करना बताया । उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना- द्वारा धारा 366ए, 376(3), 376(2)(एन) भा.दं.सं. एवं धारा 5/6,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(2)(अ) अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्या.निवा.) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।  
 

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