वर्ल्ड होम्योपैथी डे और डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती पर आयोजित किए गए कार्यक्रम
सागर। चिकित्सक डॉ. फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती पर हर साल 10 अप्रैल को 'वर्ल्ड होम्योपैथी डे' मनाया जाता है। इसी क्रम में होम्योपैथी चिकित्सा संघ सागर व होम्योपैथी चिकित्सा एसोसिएशन द्वारा बुधवार को निशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा शिविर का आयोजन खुरई रोड स्थित साहू धर्मशाला और सूर्या केयर हॉस्पिटल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक शैलेंद्र जैन शामिल हुए। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि होम्योपैथी की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में बढ़ती गई। खासकर भारत में जहां ऐलापैथी का सशक्त विकल्प आयुर्वेद मौजूद है, फिर भी अन्य देशों की तुलना में होम्योपैथी सर्वाधिक प्रचलित है। इसके पीछे का एक कारण यह भी है कि यह एक सरल और सुलभ उपचार की पद्धति है। विधायक जैन ने कहा कि डॉ. फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन आधुनिक मेडिसिन के रूप में उन्होंने होम्योपैथी की आविष्कार किया, लेकिन देश में होम्योपैथी के जनक कहे जाने वाले राजेंद्र लाल जी को भी हमें नहीं भूलना चाहिए। उनको भी याद किया जाना चाहिए। जर्मनी होम्योपैथी की जननी है। फिर भी कुछ देशों ने इस पर बेन लगा रखा है, इसके लिए लोगो को अवेयर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूरे विश्व में भारत एक मात्र देश है जहां होम्योपैथी सबसे ज्यादा प्रचलित है। होम्योपैथी में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। हम सभी को होम्योपैथी और आयुर्वेद की ओर बढ़ना चाहिए। यह पद्धति रोग को जड़ से मिटने का काम करती है। विधायक जैन ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान मैंने आयुष कॉलेज मांगा था, लेकिन आयुर्वेद का मेडिकल कॉलेज दिया। उसे सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इस कॉलेज में होम्योपैथी की भी एक विंग होना चाहिए। इसके लिए प्रयास किए जा रहे है। 

प्रदेश कार्य समिति सदस्य शैलेष केसरवानी ने कहा कि कई ऐसी असाध्य बीमारियां होती है। जिसमें व्यक्ति कितनी भी दवाइयां ले ले, वह ठीक नहीं होता। शुगर, ब्लड प्रेशर, चर्म रोग जिसे हो जाता है, उसे बहुत लंबे समय तक अंग्रेजी दवाइयां का सेवन करना पड़ता है, लेकिन तब भी वह ठीक नहीं होता। जिस से व्यक्ति हताश हो जाता है। लेकिन अगर वह होम्योपैथी दवा का इस्तेमाल करता है तो देर से ही सही पर वह बीमारी जड़ से ठीक हो जाती है। कोरोना काल में जहां एक और लोग कई प्रकार की अंग्रेजी दवाइयां खा रहे थे। उन्हें आराम नहीं मिल रहा था। उसे समय होम्योपैथी दवाइयां लोगों के लिए वरदान साबित हुई। आज होम्योपैथी के जनक डॉक्टर हैनीमैन जयंती के अवसर पर यहां उपस्थित सभी डॉक्टर को शुभकामनाएं देता हूं।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. पी. के.ताम्रकार, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर,डॉ. के के पटेल, डॉ. विवेक जैन, डॉ. जसवंत राजपूत, डॉ. अजहर, डॉ. उत्तम सिंह लोधी, डॉ. नीलेन्द्र राजपूत, डॉ. उत्तम सिंह लोधी, डॉ. नीरज चौरसिया, डॉ. अभिषेक नागर्च, डॉ. योगेश साहू, डॉ. करन सेन,डा काजी वसीम उद्दीन,डा इनाम खान, डा लखन पटेल,डा विकास पटेल,डा अतुल ताम्रकार,डा स्वदेश सोनी,डा पायल ननवानी,डा भूपेंद्र यादव, डा शिल्पा ताम्रकार सहित बड़ी संख्या में शहर के डॉक्टर उपस्थित रहे

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