शहर में नगर निगम द्वारा आवंटित की गई दुकानों पर वर्षों से कुछ दुकानदारों ने ऐसा कब्जा जमा रखा है जैसे उन्होंने ये दुकानें खरीद ली हों।
शाम के समय इन दुकानों के सामने हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि वहाँ सैकड़ों मोटरसाइकिलें और चारपहिया वाहनों का जमावड़ा लग जाता है।
आवागमन बाधित होता है, आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है और पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय लोग पूछ रहे हैं —
"क्या ये दुकानें किराये पर हैं या फिर अब वाकई इन दुकानदारों की हो चुकी हैं?"
"नगर निगम की निगरानी कहाँ है?"
"कब होगी कार्रवाई?"
अब सवाल ये है — क्या नगर निगम जागेगा, या शहर यूं ही जाम में घुटता रहेगा?"
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