सारंगढ - कोरोना का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों यानि प्ले स्कूल में जाने वाले बच्चों को हुआ है। छोटे बच्चों की पढ़ाई बिल्कुल ही छूट गयी है बच्चो का भविष्य अंधकार में न जाये जिसे देखते हुए कोविड-19 गाइडलाइन्स को पालन करते हुए बचपन प्ले स्कूल को पुनः खोल कर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है
लॉकडाउन से पहले की तुलना में अलग होगी स्थिति
स्कूल खुलने के बाद मौजूदा स्थिति लॉकडाउन के पहले की स्थिति से बिल्कुल अलग होगी। टीचर के रूप में अधिक प्लानिंग करने की जरूरत होगी। तत्काल उपाय के रूप में, स्कूलों में हेल्थ और सेफ्टी के लर्निंग गैप को दूर करने के लिए स्पेशल ब्रिज प्रोग्राम की जरूरत को पूरी करेगी बचपन प्ले स्कूल ।
स्कूलों के सामने ये होगी चुनौती
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्कूलों को न्यू नॉर्मल के लिए तैयार होने में समय लगेगा। स्कूलों में हैंड वॉश के लिए सुविधाएं तैयार की गयी है ।सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन्स को फॉलो करने के लिए प्लानिंग बच्चों कर एडमिशन क्षमता से आधी कर दी गयी है । उदाहरण के लिए, प्रोटोकॉल के अनुसार, स्कूलों को वॉटर टैंक, किचन, कैंटीन, वॉशरूम, लैब, लाइब्रेरी और ट्रांसपोर्ट जैसे एरिया को डिस्इन्फेक्ट करने के की सुविधा उपलब्ध कराइ गयी है है। इसके अलावा फर्नीचर और इक्यूपमेंट जैसी अक्सर छुई जाने सरफेस को साफ क्लीन की जाएगी
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