अभिषेक नामदेव बमीठा खजुराहो

देश विदेश में धार्मिक व्याख्यान एवं अलौकिक शक्तियों के दिव्य दर्शन के कारण बागेश्वर धाम सिद्धपीठ आश्रम में बाला जी सरकार की अनुपम छटा विश्व विख्यात की परिधि में पहुंची



जीवन की सच्चाई से परिचित कराती हैं रामकथा**
जब धरती पर अत्याचार बढ़ा तब भगवान का जन्म हुआ



बमीठा :-बुंदेलखंड में  आस्था भक्ति  का पावन सिद्पीठ बागेश्वर धाम गढ़ा में चल रहे श्री राममहायज्ञ महाकुम्भ में श्री रामकथा के द्वितीय दिवस  भारत के अद्वितीय  विद्वान जगत गुरु जगतगुरु तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर ने कथा के में श्री जन्म की कथा का वर्णन करते उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में में जब धरती पर राक्षसो  का अत्याचार बढ़ा तब उस अत्याचार को समाप्त करने के लिए भगवान श्री राम ने जन्म हुआ!भगवान राम जहाँ एक ओर मार्यादा की प्रतिमूर्ति हैं तो वही दूसरी ओर अत्याचारियों के लिए उनका संहारकर्ता हैं भगवान राम ने हर दीन दुखी की रक्षा की कथा के दौरान जब भगवान राम का जन्म हुआ तो पंडाल में जय श्री राम के जयकारे गूंजने लगे!भजनों की धुन पर भक्तो ने भी भाव विभोर होकर आनंद लिया!


परमात्मा के स्मरण से मिलता है सुख
मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज  जी ने जगतगुरु रामभद्राचार्य जी को प्रणाम करते हुए कहा यहाँ साक्षात भगवान विराजमान  है पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज जी के कार्यो की सराहना कीकरते हुए कहा:-गौशाला नही उपाय एक हिन्दू एक गाय गौमाता के लिये बागेश्वर धाम के द्वारा सार्थक प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड गोमाता के संरक्षण के लिए कार्य सभी को मिलकर करना होगा!
सच्चा मानव वो होता है जो अपनो से पहले सामने वाले का दुख और दर्द समझता हो-बागेश्वर धाम

भारतीय संस्कृति में समय -समय पर धार्मिक आयोजन पूर्व से होते आये हैं लेकिन आधुनिकता दौड़ में व्यक्ति अंधा हो गया एवम अपनी सभ्यता संस्कृति को भूलने लगा!तभी से छोटे गांव गढ़ा में सनातन संस्कृति के लिए ध्वजा को लहराने के लिए  पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण ने मन मे ठान ली और अपने पूज्य दादा गुरु के पदचिन्हों पर आस्था भक्ति का संकल्प लेकर चल पड़े!पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज  जी अपनी पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ धार्मिक व सामाजिक कार्यो को मजबूती के साथ कर रहे हैं ।
आपको बता दे  आयु में ही धर्म की राह में चलते हुए गढ़ा बागेश्वर के पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण महाराज जी ने ना सिर्फ धार्मिक आयोजनों के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन मैं भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, शायद यही कारण है कि कम समय में ही nh -39हाइवे गंज टावर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बागेश्वर धाम आश्रम गढ़ा को   कुछ वर्ष पूर्व कोई नहीं जानता था लेकिन आज इसकी ख्याति  बुंदेलखंड सहित देश - प्रदेश में हैं

बागेश्वर धाम अष्टादश पुराणो के वाचन से सम्पूर्ण बुंदेलखंड हुआ धर्ममय

बागेश्वर धाम श्री राम महायज्ञ के अलावा आस्टदश पुराणो के वाचन से सम्पूर्ण बागेश्वर धाम गढ़ा सहित बुंदेलखंड  का धर्ममय हो गया है!सुबह से ही भक्तो की बड़ी संख्या पुराणो को सुनने के लिये पहुँच रहे है!
108 फिट ऊंची यज्ञशाला जो बुंदेलखंड के महाकुम्भ  की अद्भुद झांकी !

देश भक्ति के रंग विखेरती वेहद अनूठी यज्ञ शाला**
,विहार के कारीगर और जालंधर की लाइट से जगमगाती 251 कुण्डीय यज्ञ शाला

बुंदेलखंड के महाकुम्भ मे अनोखी यज्ञ शाला का निर्माण कराया गया है,जो देश भक्ति के रंग विखेरती नजर आ रही है,यज्ञ शाला का निर्माण यज्ञ पुरूष संत बालक दास जी महाराज जी के संरक्षण सानिध्य मे हुआ ये वहीं संत है जिन्होंने जम्मूकश्मीर मे करगिल युद्ध के बाद यज्ञ किया था, यज्ञ शाला का निर्माण मे विहार के कारीगर द्वारा किया गया है, और इसमें जगमगाती लाइट जालंधर से मंगवाई गई है,लाइट से जगमगाती 251 कुण्डीय यज्ञ शाला मे देश मे शहीद हुए वीर जवानो की आत्मा की शांति के लिए भी विशेष आहुतिया डाली जाती है श्री बागेश्वर धाम में बुंदेलखंड के महाकुंभ के रूप में विशाल आयोजन किया जा रहा है। जो 22 मार्च 2022 से 30 मार्च 2022 तक चलेगा बागेश्वर धाम में 251 कुण्डीय लक्ष्मीनारायण श्री सीताराम महायज्ञ के लिए जो यज्ञशाला तैयार की गई है वह बेहद अनूठी है।शहीदो को समर्पित यह यज्ञ शाला देश भक्ति के रंग विखेरती नजर आती है,इस यज्ञ शाला का निर्माण देश के जाने माने शंत यज्ञ पुरुष संत बालक योगेश्वर दास महाराज जी के सानिध्य मे हुआ है यह वही शंत है जिन्होंने जम्मूकश्मीर में भी कारगिल युद्ध के बाद महायज्ञ किया था।यज्ञ शाला रात में जब तीन रंगों की रोशनी से चमकती है तो इससे राष्ट्रभक्ति का संदेश मिलता है। यज्ञ पुरूष के नाम से विख्यात बद्रीनाथ धाम के संत बालक योगेश्वर दास महाराज के मार्गदर्शन में 108 फिट ऊंची और 130 फिट लंबी चौड़ी यज्ञशाला बनाई गई है। बिहार के कुशल कारीगरों ने दिन-रात मेहनत कर 10 दिन में यज्ञशाला तैयार की है। यज्ञशाला और समूचे बागेश्वर धाम को रोशनी से जगमगाने के लिए जालंधर से लाइट मंगायी गई है।आपको हम बता दे यज्ञ शाला मे जो आहुतिया हो रही है उसमे शहीदों की आत्मा की शांति के विश्व कल्याण  लिए भी आहुतिया डाली जा रही है


माँ अन्नापूर्णा का बरस रही कृपा !

बुंदेलखंड के महाकुम्भ बागेश्वर धाम में  भजन के साथ साथ प्रसाद भी व्यवस्था लगातार दो वर्षों से जारी है महाकुम्भ लगभग पचास हजार से 1लाख भक्त प्रतिदिन पहुँच रहे है माँ अन्नापूर्णा में प्रसाद पा रहे है महाकुम्भ में अन्नपूर्णा रशोई को दो भागों में विभाजित किया गया हैं रशोई क्रमांक 01 क.02  पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में टीकमगढ़ एवम एक अन्य मंडल को रशोई में प्रसाद तैयार करवाने की व्यवस्था दी गयी हैं जहां  माँ अन्नपूर्णा माई की कृपा बरस रही हैं जो बुंदेलखंड नही सम्पूर्ण भारत मे चर्चा का विषय बनी हुई हैं!

पूज्य गुरुदेव के प्रति सेवा आस्था  भक्ति का अद्भुद सैलाव  शिष्य मंडलो के  रूप में
बागेश्वर धाम के महाकुम्भ में पूज्य गुरुदेव धीरेंद्र कृष्ण महाराज जी मार्गदर्शन में भारत भर से आये बागेश्वर धाम  के शिष्य मंड़ल मंडलो के रूप में महाकुम्भ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं !बागेश्वर धाम के शिष्य नितेंद्र जी ने बताया कि हमारा सौभाग्य हैं हमे मानव कल्याण के लिए हो रहा महाकुम्भ में सेवा करने का मौका पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में मिला!

पुलिस ने संभाल रखा !बागेश्वर धाम के प्रति आस्था का सैलाब

पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के निर्देश पर खजुराहो एसडीओपी मनमोहन सिंह के समन्वय में बागेश्वर धाम गढ़ा में चल रहे महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था सुरक्षा व्यवस्था व पार्किंग व्यवस्था !दर्शन अन्नपूर्णा कथा पंडाल संस्कृतिक मंच एवम ख्याति प्राप्त संत महात्माओं व राज नेताओ  की सुरक्षा को लेकर बागेश्वर धाम के महाकुम्भ में 200 ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैएवम भक्तों का ज्यादा सैलाब होने के कारण 25 से ज्यादा स्थान चिन्हित कर थाना प्रभारी के नेतृत्व  में 25 से ज्यादा पुलिस की टीमें गठित कर जिम्मेदारी सौंपी गई है भक्तों का सैलाब को देखते हुए पहला पॉइंट गंज टावर एवं दूसरा पॉइंट पहाड़ के पास तीसरा पॉइंट पार्किंग के पास एवं चौथा पॉइंट स्कूल के पास एवं पांचवा पॉइंट बागेश्वर धाम के गेट पर एवं इसी प्रकार पॉइंट अन्नपूर्णा रसोई के पास तथा पॉइंट मंदिर में दर्शन  पॉइंट परिक्रमा मार्ग में बनाया गया है तथा बागेश्वर धाम में एक अस्थाई चौकी  बनाई गई है!

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