// ब्यूरो रिपोर्ट सतीश कुमार रजक//

गौ सेवक सरकार मे गौ अस्पताल बेहाल.मात्रा एक डाक्टर के हवाले पूरी जिम्मेदारी            

अस्पताल को हो स्वंम के ईलाज की दरकार. /बक्सवाहा : गौ सेवक सरकार गौ वंश को   बेहतर स्वास्थ्य व पशुपालन के लिए समय समय पर लाभकारी योजनाए निकालती रहती है। यहा तक कि पूरे ब्लोक मे गौ शाओ के नाम पर कई करोब रूपये की गौ शालाये खुलवाई गयी परंतु  पशु अस्पतालों के बेहतर संचालन के लिए पुरजोर कोशिश नही की जा रही है। सरकार की  इन सब कोशिशों पर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। अधिकारी कर्मचारिओ ने जैसे कसम खा रखी हो आम जनता व सरकार  को चूना लगाने की। समय समय पर अस्पतालों की अनिमितताओं की शिकायत और मानवता शर्मशार होने की तश्वीरें देखने को मिलती रहती हैं।
ताजा मामला बक्सवाहा के पशु चिकित्सालय का हैं, यहाँ पर कुल 6 पद स्वीकृत हैं। जिस पर एक डॉक्टर के साथ सहायक स्वीपर मौजूदा वक्त में अस्पताल को संचालित कर रहे हैं। बक्सवाहा विकासखंड में 39 पंचायतों   में मात्र 2 पशु चिकित्सालय है जो मात्र 3 लोगो के भरोसे चल रहे हैं।
वही दूसरी ओर बात करे  पशु परिचालक आकाशदीप करोसिया की तो ये साल भर पहले कोविड पॉजिटिव हुये थे। कोविड कुछ ही समय बाद ठीक हो गया था, पर अस्पताल आने में इनको आज भी कोविड नजर आ रहा हैं।  ये बिना ऑफिस आए ही पूरी वेतन पा रहे है। इस कारनामे में अकेले करोसिया ही शामिल नहीं हैं पूरा अस्पताल प्रबंधन मिला हुआ है। और सरकार की लाभकारी योजनाओं के साथ ही आम जनता को चूना लगा रहे है।
*पशु औषधालय भगवान भरोसे कर रहे काम*
विकासखंड अंचल में 5 पशु औषधालय खुले हुये हैं  निमानी, दरगुआं, सुनवाहा, निबार और खिरिया मे संचालित है पर इन पॉच औषधालय मे एक भी स्टाप नही है। बाजना में एक पशु चिकित्सालय हैं जिसमे एक कंपाउंडर नियुक्त है। इसके अलावा पांचो पशु औषधालय में कोई कर्मचारी पदस्थ नहीं है फिर गौवंश की रक्षा करने का  सरकार का सपना कैसे पूरा होगा क्योंकि एक ओर आकाशदीप करोसिया जैसे पदस्थ कर्मचारी घर बैठे पूरी वेतन पा रहे है तो वही रिक्त पदों के बाद भी पांच पशु ओषधालय संचालित किए जा रहे है
आजादी के अमृत महोत्सव को दिखा रहे ठेंगा दिखा कर उस दिन भी पूरा स्टाप उपस्थित नही रहा।.    *अपनी बदहाली पर रोता पशु चिकित्सालय*.                         बक्सवाहा पशु चिकित्सालय के पास बक्सवाहा मेन बस स्टैंड के समीप एक एकड अस्सी डिसमिल जगह है  जिसमे तीन क्वाटर बने है बाकी पूरा ग्राऊन्ड गंदगी व किचड की मार झेल रहा है। बक्सवाहा पशु चिकित्सलय के हाल देख कर तो ऐसा लगता है की अगर यहॉ स्वास्थ्य पशू भी आयेगा तो वो भी बीमारी का शिकार हो जायेगा। इस संबध मे बक्सवाहा मे पदस्थ विकास खन्ड पशू चिकित्सा अधिकारी राकेश सोनी का कहना है हमारे यहॉ स्टाप का की कमी है मै इसके लिये मै कई बार अपने वरिष्ट अधिकारीयो से मॉग कर चुका हूँ और पत्राचार के माध्यम से भी मॉग कर चुका हूँ और परिसर बहुत बडा और मेरे पास मात्र एक स्वीपर है इसलिये थोडी आ व्यवस्था है मै कोशिश कर रहा हू बेहतर सेवाये देने की।.


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