घुवारा नगर में मनाई गई संत गाडगे महाराज जी की 66 वी पुण्यतिथि



*रजक समाज ने फिर उठाया अनुसूचित जनजाति में जुड़ने का मुद्दा घुवारा नगर मीडिया प्रभारी सतीश रजक ने कह दी बड़ी बात*

घुवारा नगर में स्वच्छता के जनक माने जाने बाले श्री संत गाडगे महाराज जी की पुण्यतिथि मनाई गई आपको बता दें कि स्वच्छता के जनक माने जाने वाले महाराज श्री ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करते हुए लोगों को शिक्षा और स्वच्छता के बारे में समझाया है बल्कि उन्होंने गरीब लोगों को आशियाना बनाया और शिक्षा के मंदिर बनाएं चिकित्सालय भी बनाए महाराज श्री ने यह भीख मांग कर बनवाए हैं और लोगों को शिक्षा के लिए जागरूक किया है खुद के तन पर फटे पुराने कपड़े पहने हाथ में एक लाठी और एक माटी का बर्तन लेकर जीवन गुजारा लेकिन कई गरीबों का सहारा भी बने उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ था 23 फरवरी 1876 में महाराज श्री का जन्म हुआ धीरे-धीरे बचपन गुजरता गया और उनका समाज सेवा में लगाओ बढ़ता गया उन्होंने अपने जीवन में कई अनेकों ऐसे कार्य किए हैं जिनकी वजह से आज हमारे देश के लोग जागरूक हैं भली भांति जानते हैं कि देश में शिक्षा और स्वच्छता के लिए किस प्रकार उन्होंने कर किया है महाराज श्री ने 20 दिसंबर 1956 में आखरी सांस ली और उन्होंने देश को कई विद्यालय हैं कई चिकित्सालय दी तो वही स्वच्छता अभियान जैसे बड़ी कड़ियों को भी जोड़ा है
महाराज श्री की पुण्यतिथि पर घुवारा नगर के समस्त रजक समाज के युवाओं द्वारा उनके चरणों में नमन वंदन किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गई
*इनका कहना है*
*रजक समाज मीडिया प्रभारी सतीश रजक* 
आज हमने संत श्री गाडगे महाराज जी की 66 वी पुण्यतिथि मनाई गई है और उन्हें के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की गई है और वही दूसरी और बताया कि
रजक समाज को उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति में जोड़ा गया है और मध्य प्रदेश में भी रजक समाज को कुछ जिलों में अनुसूचित जाति में लिया गया है लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर टीकमगढ़ जिले निवाड़ी और भी कई ऐसे जिले हैं जिन्हें अनुसूचित जाति में नहीं लिया गया है अगर छतरपुर टीकमगढ़ निवाड़ी में रजक समाज को अनुसूचित जाति में नहीं लिया गया तो सरकार को आने वाले समय में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि हम अपना अधिकार मांगते हैं हम किसी भी सत्ता या सरकार से भीख नहीं मांगते हमें हमारा अधिकार दिया जाना चाहिए अगर हमारी बात को सरकार ने सुनना नहीं तो सरकार एक बड़ा आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे आखिर ऐसे क्या कारण हैं जो सरकार रजक समाज को कुछ जिलों में अनुसूचित जाति में नहीं जुड़ रहे इसका जवाब सरकार को देना होगा आखिर कब तक सरकार चुप रहेगी सरकार की चुप्पी अब नहीं चलने वाली है क्योंकि रजक समाज अब एक है और अपना अधिकार लेकर ही मानेगी

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