नाबालिग के अपहरण-रेप केस में सहयोगियों खो सजा
सागर में बंडा थाना क्षेत्र के सात साल पुराने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म में सहयोग करने के मामले ने अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की कोर्ट में हुई।


न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए नाबालिग के साथ दुष्कर्म में सहयोग करने वाले आरोपी किशन लोधी, गुलझार लोधी, मुलायम लोधी, भुरीबाई लोधी, बतीबाई लोधी और अनीता लोधी को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी प्रभारी उप संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।

अभियोजन के मीडिया प्रभारी के अनुसार पीड़िता के पिता ने 4 फरवरी 2016 को थाना बंडा में शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि उक्त दिनांक को सुबह करीब 11.30 बजे बड़ी बेटी और उसकी छोटी बेटी साइकिल से पढ़ने के लिए स्कूल गई थी।

शाम करीब 5 बजे उसकी छोटी बेटी घर पहुंच गई। लेकिन पीड़िता बड़ी बेटी घर नहीं लौटी। उसके घर नहीं आने पर छोटी बेटी से पीड़िता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वे दोनों बहनें स्कूल में प्रार्थना करके अपनी-अपनी कक्षा में चली गई थी। दोपहर 3 बजे लंच की छुट्टी में पीड़िता स्कूल में दिखी थी। पर छुट्टी होने पर पीड़िता नहीं दिखी तो वह जहां साइकिल रखकर स्कूल जाते हैं। साइकिल उठाने आई।

वहां उसे पीड़िता की साइकिल रखी मिली। लेकिन पीड़िता बड़ी बहन नहीं मिली। जिस कारण वह घर अकेली आ गई। जिसके बाद परिचित व रिश्तेदारों के घर तलाश किया। लेकिन कहीं कुछ जानकारी नहीं मिली। शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लियाा। जांच करते हुए पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब किया। उसके बयान लिए। बयानों के आधार पर प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया।

आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच पूरी होने पर चालान कोर्ट में पेश किया गया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने नाबालिग के व्यपहरण और दुष्कर्म में सहयोग करने वाले आरोपी किशन, गुलझार, मुलायम, भुरीबाई और बतीबाई को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।

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